Ganesh chaturthi 2025 date : गणेश चतुर्थी 2025 में शुक्रवार, 29 अगस्त को मनाई जाएगी। Ganesh chaturthi भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी भी कहते हैं। इस दिन सभी भक्त भगवान गणेश का आह्वान कर उनकी पूजा करते हैं और उनसे जीवन में समृद्धि, सुख-शांति और बुद्धिमत्ता का आशीर्वाद मांगते हैं। गणेश चतुर्थी भारत में विशेष रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी एक हिंदू त्योहार है जो हाथी के सिर वाले देवता भगवान Ganesh के जन्म का प्रतीक है।
Ganesh chaturthi 2025: Significance of Ganesh Chaturthi (गणेश चतुर्थी का महत्व)
Ganesh chaturthi हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसमें भगवान गणेश की पूजा धूमधाम से की जाती है। गणपति बप्पा को विघ्नहर्ता (सभी बाधाओं को दूर करने वाले) और मंगलकर्ता (सुख-शांति के प्रदाता) कहा जाता है।
गणेश चतुर्थी का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है:
विघ्नों का नाश: भगवान गणेश को हर शुभ कार्य से पहले पूजनीय माना जाता है। यह विश्वास है कि उनकी पूजा करने से सभी प्रकार की बाधाएं और संकट दूर हो जाते हैं।इनकी पूजा करने से सभी भक्तों के सारे काम पूरे हो जाते हैं।
ज्ञान और बुद्धि के देवता: गणेश जी को विद्या, बुद्धि और विवेक का दाता माना जाता है। विद्यार्थी और व्यापारी विशेष रूप से गणपति की पूजा करते हैं।
धार्मिक मान्यता: ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था, और उन्हें पृथ्वी पर आशीर्वाद देने के लिए स्थापित किया गया।
How is Ganesh Chaturthi celebrated: गणेश चतुर्थी का उत्सव कैसे मनाया जाता है?(Ganesh chaturthi 2025 date)
प्रतिमा स्थापना: प्रतिमा स्थापना के दिन भगवान Ganesh की सुंदर मूर्ति घरों और पंडालों में स्थापित की जाती है।
पूजा विधि: गणेश जी की पूजा में विशेष रूप से दुर्वा (घास), मोदक (लड्डू), फूल, नारियल, और लाल कपड़े का उपयोग किया जाता है।मोदक गणेश जी को बहुत प्रिय है इसलिए गणेश जी को मोदक (लड्डू) का भोग लगाया जाता है।
आरती और भजन: भक्त आरती और भजन गाकर भगवान गणेश को प्रसन्न करते हैं।
दस दिवसीय उत्सव: गणेश चतुर्थी का पर्व दस दिनों तक चलता है और
अनंत चतुर्दशी: को गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है।
विसर्जन: यह उत्सव Ganpati Bappa को विसर्जित कर “पुन्हा लवकर या” (अगले वर्ष फिर आने) की कामना के साथ संपन्न होता है।
गणेश चतुर्थी से जुड़ी खास बातें
गणेश चतुर्थी से जुड़ी कुछ खास बातें :
मोदक का महत्व: गणपति को मोदक बहुत प्रिय हैं। इसे भोग में प्रमुख स्थान दिया जाता है। यदि आप गणपति को मोदक का भोग लगते है तो वह खुश होते है।
दुर्वा का उपयोग: गणेश चतुर्थी की पूजा में 21 दूर्वा की पत्तियां अर्पित की जाती हैं।
पर्यावरण-अनुकूल मूर्तियां: हाल के वर्षों में पर्यावरण संरक्षण के लिए मिट्टी से बनी मूर्तियों का चलन बढ़ा है।
निष्कर्ष
गणेश चतुर्थी न केवल एक धार्मिक त्योहार है, बल्कि यह समर्पण, एकता और पर्यावरण जागरूकता का प्रतीक भी है। यह पर्व हमें जीवन में नई शुरुआत करने, बाधाओं को दूर करने और सभी के प्रति प्रेम और सम्मान का भाव रखने की प्रेरणा देता है।