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Kedarnath temple History in Hindi: पांडवों को आता देख भगवान शिव ने धर लिया था भैंसे का रूप, पढ़ें केदारनाथ मंदिर के इतिहास से जुड़े रोचक तथ्‍य

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Kedarnath temple History in Hindi: केदारनाथ मंदिर का इतिहास बहुत पुराना और पौराणिक है।केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। केदारनाथ मंदिर भारत के सबसे प्रतिष्ठित धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है|केदारनाथ मंदिर हिमालय की गोद में बसा हुआ Lord Shiva भगवान शिव को समर्पित है|

kedarnath story in hindi : केदारनाथ की कहानी

केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों का हिस्सा होने के साथ-साथ पंचकेदार और चार धाम यात्रा में भी शामिल है। केदारनाथ मंदिर 3562 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।केदारनाथ मंदिर एक पवित्र तीर्थस्थान है।केदारनाथ मंदिर मे हर साल लाखों भक्त दर्शन के लिए आते हैं।

Kedarnath Dham से जुड़ी प्रमुख कहानी पौराणिक ग्रंथों में और जनमानस में प्रचलित हैं। जिनमें से सबसे प्रमुख है. पंच केदार के निर्माण की कथा जिसका संबंध पांडवों से है।

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Kedarnath temple History : केदारनाथ का पौराणिक महत्व

Kedarnath temple History in Hindi: केदारनाथ मंदिर का उल्लेख महाभारत और स्कंद पुराण में मिलता है। बोला जाता है कि केदारनाथ मंदिर का निर्माण का पांडवों ने महाभारत युद्ध के पश्चात भगवान शिव की आराधना के लिए किया था।

महाभारत के युद्ध के बाद पांडव अपने पापों के प्रायश्चित के लिए भगवान शिव की शरण में गए। बोला जाता है कि भगवान शिव पांडवों से क्रोधित होकर केदारनाथ में छुप गए और छुपने के लिए भैंस का रूप धारण कर लिया।

परन्तु पांडवों ने भगवान शिव को पहचान लिया,और भीम ने उनकी पूंछ और पैर को पकड़ने का प्रयास किया।तथा इसी संघर्ष में भगवान शिव का शरीर विभिन्न स्थानों पर बिखर गया।

बोला जाता है कि इसके बाद भगवान शिव ने अपने शरीर को पांच हिस्सों में विभाजित कर दिया।उनके शरीर का पृष्ठभाग केदारनाथ में प्रकट हुआ, और यही स्थान बाद में ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रसिद्ध हुआ। अन्य भागों से पंचकेदार के नाम से पांच तीर्थस्थल बने।

Kedarnath Dham| केदारनाथ धाम भगवान शिव का पवित्र धाम

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केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है| केदारनाथ धाम पंचकेदार और चार धाम यात्रा में शामिल है।केदारनाथ मंदिर 3562 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

केदारनाथ मंदिर हिंदू धर्म के चार धामों में शामिल है।बर्फ से ढकी चोटियों और प्राकृतिक सुंदरता के बीच स्थित, यह धाम हर साल लाखों श्रद्धालुओं और प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करता है।

Kedarnath temple History in Hindi: केदारनाथ मंदिर किसने बनवाया?

केदारनाथ मंदिर की स्थापना को लेकर कई विरोधाभास प्रचलित हैं।कई जगह इसका वर्णन किया गया है कि केदारनाथ मंदिर का निर्माण पांडवों के पोते जन्मेजय ने करवाया था।एक मान्यता है कि केदारनाथ मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में आदिगुरु शंकराचार्य ने करवाया था।

आदिगुरु शंकराचार्य ने प्राचीन मंदिर को पुनर्स्थापित किया और इसे एक संगठित रूप दिया।आदिगुरु शंकराचार्य ने अपनी ध्यान समाधि भी केदारनाथ के समीप ही ली थी।

केदारनाथ मंदिर को पूरी तरह पत्थरों से बनाया गया है,वहीं ग्वालियर से प्राप्त हुई राजा भोज की स्तुति के अनुसार केदारनाथ मंदिर राजा भोज ने बनवाया था जिनका शासन काल 1076-1099 इस्वी तक था। राहुल सांकृत्यायन के मुताबिक यह केदारनाथ मंदिर 12वीं-13वीं शताब्दी में बनाया गया था। इसकी स्थापना को लेकर कुछ पौराणिक कथाएं भी प्रचलित हैं।    

Kedarnath Darshan Timing : यात्रा के विशेष समय

केदारनाथ धाम के द्वार सवेरे 6:00 बजे खुलते है केदारनाथ मंदिर में दोपहर 3:00 से 5:00 बजे खास पूजा होती है, तथा उसके पश्चात मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाते है। शाम को 7:30 से 8:30 के बीच ज्योतिर्लिंग का श्रृंगार करके आरती की जाती है और तथा उसके पश्चात मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाते है।

केदारनाथ मंदिर हर साल अक्षय तृतीया (अप्रैल/मई) से कार्तिक पूर्णिमा (नवंबर) तक खुला रहता है।सर्दियों में मंदिर के कपाट बंद रहते हैं,और भगवान शिव की पूजा उनके शीतकालीन निवास ओंकारेश्वर मंदिर (उखीमठ) में होती है।

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